वैसे तो भगवन प्रेम के भूखे होते है श्रद्धा से वे प्रकट रूप में आ जाते है लेकिन भगवान को मन्त्र से भी बुलाया जाता है
क्योंकि मन्त्र का अर्थ होता है भगवान को ज्यादा शब्दो को एक छोटे से रूप में कहना
वह श्री कृष्ण का मन्त्र है जो ऋषि मुनि जपते रहते है हर पल अपने मन में वो मन्त्र है
कृष्णाय वासुदेवाय हरे परमात्मने प्रणतक्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम
कृष्णाय वासुदेवाय हरे परमात्मने प्रणतक्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम
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