वासुदेव श्री कृष्ण के पिता थे आज हम आपको वासुदेव की जाती भी बताएंगे और उनके पूर्वज भी बताएंगे आज की कहानी आपके लिए बहुत खास होने वाली है vasudev ke pita ka naam
राजा ययाति से यदु नाम के पुत्र का जन्म हुआ और यदु से यदुवंश की स्थापना हुई यदुवंश में आगे जाके देवमोड की पहली पत्नी मदिषा से सूरसेन की पत्नी मारीया से 10 पुत्र और 5 पुत्रिया उतपन हुई

वासुदेव किस जाति के थे
इनमे सबसे बड़े पुत्र वासुदेव हुए थे
और सबसे बड़ी पुत्रियों में से पार्था नाम की पुत्री हुई जिसको कुंती कहा गया
वही देवमाद से परसजन्य का जन्म हुआ परसजन्य से 9 पुत्र हुए जिनमे नन्द बाबा सबसे बड़े थे
वासुदेव
वही भीम सतवत के वंश में अंधक नाम के पुत्र हुए और अंधक से देवकी और कंश उत्पन हुए
वासुदेव की 2 पत्निया थी रोहिणी और देवकी थी रोहिणी से बलराम और देवकी के श्री कृष्ण पुत्र हुए
इस तरह श्री कृष्ण ने यदुवंश में अवतार ग्रहण किया और पार्थवी से पापियों का भार उतारा
जिसमे महाभारत का युद्ध और वाणासुर जिसे राक्षसों को मरना प्रमुख है राधा और कृष्ण के प्रेम से दुनिया को प्रेम करना सिखाया
vasudev ke pita ka naam और गीता जैसा ज्ञान भी श्री कृष्ण ने दिया और हर परस्थिति से लड़ना कृष्ण ने सिखाया है वासुदेव किस जाति के थे
आज अगर हमारे ऊपर थोड़ी भोत ही अगर विपरीत परस्थिति आ जाती है तो हम भगवान को दोस देने लगते है क्या आपने कभी भी सोचा है की भगवन श्री कृष्ण पर कितनी विपत्ति आयी थी
तो सुनिए जन्म ही जेल में हुआ जन्म लेते ही दुश्मनो का हमला और उनका प्रेम राधा रानी से भी बिछड़ना पड़ा और जब राजा बने उसके बाद भी दुष्टों का आक्रमण और अंत में अपने परिवार का नाश भी vasudev ke pita ka naam वासुदेव किस जाति के थे