शंख कैसे बजाते हैं | shankh kaise bajate hain

किसी भी अच्छे कार्य को करने के लिए सर्वप्रथम एवं अंत में शंख को बजाया जाता है। पाठ पूजा कथा अर्चना आदि में भी संघ को बताया जाता है shankh kaise bajate hain

प्रतिदिन शंख को बजाने वाले व्यक्ति को सांस की बीमारी फेफड़े की बीमारी नहीं होती है। वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो जहां जहां शंख की ध्वनि जाती है

वहां वहां बीमारी का नाश होता चला जाता है। महाभारत में भी प्रथम दिन तथा दिन के सूर्यास्त के समय शंख के बजने का इतिहास मिलता है।

शंख एक प्रकार का वाद्य यंत्र है जो पूरी तरह से परमात्मा को समर्पित है।शंख से सभी राक्षसों का विनाश होता है।पूजा के समय जो व्यक्ति संघ को बजाता है

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उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और वह परमात्मा के आनंद में लीन हो जाता है।शंख के बजाने से आसपास का वातावरण सुंदर व स्वस्थ रहता है ।

सूर्यास्त और सूर्योदय के समय शंख को बजाने का महत्व मिलता है।भगवान विष्णु को शंख प्रिय हैं इसी कारण जहां पर भी भगवान विष्णु की पूजा होती है

वहां सर्वप्रथम शख को बजाया जाता है। शंख उपासना से लेकर उपचार तक काम में आती हैं।लगभग सभी लोग संघ को अपने घर के मंदिर में रखते हैं

और रोज इसे बजाते हैं। मंदिर में आरती करने से पहले था उसके बाद सुबह शाम को शंख बजाया जाता है माना जाता है शंख की उत्पत्ति समुंद्र मंथन से हुई थी

कहीं-कहीं पर यह भी मान्यता है कि यह भगवान विष्णु द्वारा रचित है लेकिन शंख समुद्र की गहराइयों में बनता है।

shankh kaise bajate hain
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सुख समृद्धि और धन की प्राप्ति के लिए घर में शंख को स्थापित करते हैं ताकि घर में सदैव धन की कोई कमी ना रहे और सुख बरसता रहे।

सनातन धर्म में इसका विशेष महत्व है और इससे मंदिर में रखना बहुत शुभ माना जाता है। माना जाता है कि जिस घर में शंख स्थापित होता है

वहां पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास होता है। पूजा करते समय शंख में जल भरकर उस स्थान पर रखना चाहिए

तथा पूजा के समाप्त उस जल को छिड़काव करना चाहिए माना जाता है कि जहां-जहां इस जल का छिड़काव होता है वह जगह पवित्र हो जाती है।

साथ ही इस जल को बच्चों को पिलाने से उसकी बुद्धि क्षमता में वृद्धि होती है। शंख बहुत से प्रकार के होते हैं इनमें से कुछ दुर्लभ मिलते हैं

और कुछ आसानी से प्राप्त हो जाती हैं। इसे घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं करती है और इसे बजाने से जीवाणुओं का नाश होता है।

ग्रंथों एवं पुराणों में माना जाता है कि किसी भी मंदिर के पट खुलने से पहले शंख का बजना बहुत आवश्यक होता है।

उसके बाद ही पूजा प्रारंभ की जा सकती है।वैज्ञानिकों का मानना है कि जल शंख में रखकर पीने से हड्डियां एवं दांत मजबूत होते हैं।

प्रत्येक घर में शंख का होना अति आवश्यक होता है जिसके कारण वहां विष्णु और माता लक्ष्मी का वास बना रहे और सुख समृद्धि आती रही धन आता रहे

शंख के अनेक उपायों से स्वास्थ्य को भी स्वस्थ रखा जा सकता है इसी लिए प्रत्येक घर में शंख होना चाहिए।

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