सालासर धाम की सच्ची कहानी सालासर बालाजी के बारे में वैसे तो कुछ भी कहने की जरुरत ही नहीं है लेकिन अगर आप राजस्थान से नहीं हो तो
शायद आपको बताने की जरुरत हो सकती है की सालासर बालाजी किसे कहते है अगर आप राजस्थान से है
सालासर हनुमान जी
तो आपको बालाजी बाबा के बारे में पता ही होगा आज हम आपको बताएंगे की बालाजी का मंदिर सालासर में कैसे बना और किसने बनाया है तो भक्त जनो शुरू करते है सालासर बालाजी मंदिर की कथा
बालाजी सालासर
आज तक जितने भी संत हुए है उनमे एक बात हमेसा कॉमन रही है की सभी बचपन से ही पूजा पाठ भगवान की सेवा में मन लगता था कुछ ये ही हाल था
राजस्थान के सीकर जिले के रुल्याणी ग्राम के निवासी लच्छीराम के छोटे पुत्र मोहनदास का वे बचपन से ही ऐसे थे
सालासर दरबार
मोहनदास की बहन का विवाह सालासर गांव में हुआ उनके पुत्र उदय का जन्म होने के बाद थोड़े समय में ही उनके पति का धेयांत हो गया
दिन बीतते गए भांजा बड़ा हुआ उसकी भी शादी कर दी एक दिन मोहनदास और भांजा दोनों खेत का काम कर रहे थे तभी मोहनदास के हाथ से हाल गिरा
