janmashtami kab hai क्या आपने एक बात सुनी है की भगवन अपने भक्तो को कहते है की जिस प्रकार से भक्त मुझे भजता है में भी उसे उसी प्रकार मिलता हु वृंदावन की रासलीला की सही कहानी
बस आप इस बात को समझ जाओगे तो समझो की आप भगवान श्री कृष्ण की रासलीला को समझ गए
आप रासलीला का अर्थ इस बात से भी लगा सकते है की जैसे मानो जहा प्रधान मंत्री और राष्ट्रपति या कोई प्रसिद्ध और बड़ा आदमी आने वाला होता है वहा जिस – जिस व्यक्ति को अपना काम निकलना होता है
वो खुद ही आ जाते है और वहा और भी छोटे मोठे नेता और अमेले भी आ जाते है और कुछ को उन खुद यानि की प्रधान मंत्री द्वारा बुलाया होता है की तुम वहा आ जाना में तुम्हारा काम वहा कर

krishna raas leela story in hindi
दूंगा हलाकि भगवान के सन्दर्भ में ये उदहारण देना मूर्खता जैसे लगता है परन्तु सामान्य लोगो को ये बात ज्यादा समझ में आएगी rasaleela
तो बस जब भगवान को जहा अवतार लेना होता है तो वहा कोई भी मनुष्य सामान्य नहीं हो सकता है मनुष्य तो दूर की बात है वहा के पेड़ पौध पहाड़ भी सामान्य नहीं होते है
janmashtami kab hai
अगर आपने यहाँ तक ये पोस्ट पढ़ा है तो मुझे पता है की आपके अंदर जिज्ञासा की कमी नहीं है और आप पूरा जानके ही जायेंगे आज तो में भी आपको अपनी बुद्धि अनुसार रासलीला का अर्थ समझता हु
पहली बात तो ये अपने दिमाग से निकाल दो की श्री कृष्ण ने गोपियों को रासलीला के बहाने बुलाके गुलछर्रे उड़ाये थे रासलीला इस बात से और कामवासना से काफी परे है
रासलीला
जब ऋषि मुनियो को पता चला की भगवान अवतार ग्रहण करने वाले है तो सभी ने तुरंत अपने शरीर का त्याग कर गोकुल में जन्म ले लिया कोई गोपीबना तो कोई नन्द बाबा
की गाय कोई पेड़ बना तो कोई पर्वत कोई नन्द बाबा के गांव में कालिंदी और कदम के पेड़ पर कोयल के रूप में जन्म लिया rasaleela
क्योंकि उन्हें उनके वर्षो के प्रियतम श्री कृष्णा मिलने वाले थे उन्हें पता था की भगवान यहाँ गाय भी चरायेंगे पेड़ के निचे छाया में भी बैठेंगे तो कोयल के रूप में ऋषि

कृष्ण की रासलीला
मुनि उन्हें मधुर गूंज करेंगे कोई फल बना की भगवान उसे खाएंगे इस बात का रहश्य का पता लगाना बहुत कठिन था की कोन क्या बना है
और कोन अपने कौनसे कर्मो का फल से कोनसे रूप में आनंद ले रहा है जब श्री कृष्ण ने सभी गोपियों को एक साथ उनके प्रेम का फल देने के लिए सोचा तो कृष्ण ने पहले ही बोल दिया
की कल रासलीला होगी जिसमे कृष्ण भगवान सभी गोपियों के वेश में उन सभी ऋषि मुनियो के प्रेम के वसीभूत होक कृष्ण में गोपी गोपी में कृष्ण हो गए कहते है rasaleela
कृष्ण के रासलीला में दश करोड़ गोपिया थी और सभी के साथ एक – एक कृष्ण थे जिसने जैसी इच्छा की भगवान ने गोपियों के साथ वैसा ही नृत्य किया किसी के गले में बाहे डाले
वृंदावन की रासलीला की सही कहानी
किसी के बालगुंथते किसी का सृंगार करते जिसने जिसने जैसी इच्छा की वैसा ही भगवान ने रूप बनाया
जब महादेव से भी नहीं रहा गया तो की भगवान सभी भक्तो को एक साथ सुख और प्रेम दे रहे है तो महादेव भी गोपी के भेष में कृष्ण की रासलीला में जाके जमके नाचे थे कहते है
रसलीसा को अपने मुख से बया करना असंभव है इतना अद्बुध दर्शय था की साधरण वयक्ति ना समझ सकता है ना अपनी बुद्धि से जान सकता है रासलीला को नरसी मेहता ने देखा था rasaleela
भगवान भोलेनाथ जब प्रकट हुए तो नरसी की इच्छा पूर्ति हेतु भगवान शंकर ने नरशी को गोलोक में लेजाके नरसी को दूर से ही रासलीला के दर्शन किये थे
उस समय नरशी जी के हाथ में मसाल जला के पकड़ राखी थी रासलीला के अदबुद्ध दर्शय को देख कर उनके नरसी के हाथ में रखी मिसाल से नरसी का हाथ जल गया
कृष्ण भगवान की रासलीला
ये देख कर भगवान श्री कृष्ण ने वहा प्रकट होकर नरसी का हाथ पकड़ लिया और उन्हें दर्शन दिए
आसा करता हु आप हमारे द्वारा दी जानकारी से थोड़ी बोहोत संतुष्टि मिली होगी अगर हाँ तो आप हमारे फेसबुक पेज से जुड़े और साथ ही नई – नई भक्तो की कहानी
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