पुराणों की संख्या और खासियत | purano ki sankhya kitni hai

purano ki sankhya kitni hai: जो भी करते है भगवान ही करते है उनकी ईच्छा बिना पेड़ का पता भी नहीं हिलता है इस लिए श्री भगवान ने संसार को सही मार्ग पर बनाये रखने के लिए ईश्वर ने ऋषि मुनियो द्वारा 18 पुराणों की रचना करवाीई है

इन पुराणों में ईश्वर ने हमे बताया है की किस तरह से हमे हमारे जीवन में रहना चाहिए ताकि गृहस्थ जीवन में भी ईश्वर को प्राप्त किया जा सके और हमारे इतिहास में कितने धार्मिक राजा हुए है

भगवान ने कितने अवतार ग्रहण किये है मानव कल्याण के लिए और कितने राकसो का भगवान के द्वारा वध किया गया है आज हम आपको सम्पूर्ण रूप से बताएंगे की किस पुराण का क्या नाम है और उस पुराण में क्या शिक्षा दी गयी है

purano ki sankhya kitni hai
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पुराणों की संख्या

ब्रह्मपुराण (1)

216 अध्याय 14 हजार श्लोक है यह सबसे पुराना पुराण है
इस पुराण में गंगा का पृथ्वी पर आना रामायण और श्री कृष्ण की कथा और ब्रह्मा की महानता भी बताई गई है

पद्पुराण (2)

55 हजार श्लोक
इस पुराण में सभी ग्रह नक्सत्रों की उतपत्ति और जीवो को चार भागो में विभाजन के बारे में बताया गया है इस पुराण में सभी नदियों और पर्वतो के बारे में विस्तार से बताया गया है

विष्णुपुराण (3)

33 हजार श्लोक छः गद
इस पुराण में भगवान श्री कृष्ण और बालक धुर्व की कथा और राजा पृथु की भी कथा मिलती है इस पुराण में भारत के चन्दर वंसी और सूर्य वंसी राजाओ का वर्णन है

शिवपुराण (4)

24 हजार श्लोक 7 सहिंताओ में सामिल है
इस पुराण वायु पुराण भी कहते है और इसमें भगवान शिव की महत्त्व और शुभ और अपशगुन संकेतो के बारे में बताया गया है तथा दिनों के नाम हमारे ग्रह के नाम के आधार पर बताये गए है

श्रीमद्धभगवत महापुराण (5)

18 हजार श्लोक 12 सकन्द
इस पुराण में भागवत पुराण महात्मय और भक्ति , ज्ञान , वैराग्य की महानता बताई गयी है तथा 7 समुन्दर के निर्माण और भगवान श्री कृष्ण की कथाओ के बारे में भी बताया गया है

नारदपुराण (6)

25 श्लोक 2 भाग सभी पुराणों का सार है
इस पुराण में मंत्र और मृत्यु पश्चात के बारे क्या होता है बताया गया है और गान के बारे में विशेष बताया है जैसे 7 स्वरों और तान आदि के बारे में बताया गया है

मार्कण्डेयपुराण (7)

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9 हजार श्लोक 137 अध्याय सबसे छोटा पुराण है
इस पुराण में मार्कण्डेय ऋषि और जैमिनी ऋषि के बिच हुए वार्तालाप के बारे में बताया गया है जिसमे उन्होंने योग और ध्यान और अन्य भगवती दुर्गा और श्री कृष्ण की कथा भी है

अग्निपुराण (8)

15 हजार श्लोक 283 अध्याय
इस पुराण में धनुर्वेद ,आयुर्वेद के बारे में विशेष बताया गया है उसके साथ ही इस पुराण भगवान श्री कृष्ण और रामायण की भी कथा संक्षिप्त है

भविष्य पुराण (9)

28 हजार श्लोक 129 अध्याय
इस पुराण में वर्ष के 12 महीनो के नाम के बारे में तथा विष दंस तथा सर्पो के की पहचान के बारे में बताया गया है इस पुराण में कलयुग के राजाओ और मुगलवंश और मौर्यवंस और कुतुब्दीन के बारे में भी बताया गया है

ब्रह्मवैवर्त पुराण (10)

18 हजार श्लोक 218 अध्याय
इस पुराण में ब्रह्मा और तुलसी और गणेश की महत्ता के बारे में बताया गया है और इस पुराण में आयुर्वेद के बारे में भी बताया गया है

लिङ्ग पुराण (11)

11 हजार श्लोक 263 अध्याय
इस पुराण में राजा अमरीश की कथा खगोल विद्या और मंत्रो और के बारे में उल्लेखित है तथा इस पुराण में अघोर विद्या और मंत्रो की बारे में बताया गया है

वाराह पुराण (12)

10 हजार श्लोक 217 स्कंद
इस पुराण में श्रष्टि के विकास और स्वर्ग पाताल तथा अन्य लोको का भी वर्णन है और वराह अवतार की कथा के बारे में भी बताया है सूर्य की स्थिति और अमावस्या और पूर्णमासी के बारे में भी बताया गया है

स्कन्द पुराण (13)

85 हजार श्लोक 06 स्कंद है
यह पुराण सबसे बड़ा पुराण है इस पुराण में 27 नक्सत्रों 18 नदियों और भारतीय 12 ज्योतर्लिंगो गंगा के उथान और बुध ग्रह की उत्तपति उनके माता -पिता सोमदेव तारा की भी कथा है

वामन पुराण (14)

10 हजार श्लोक 95 अध्याय
इस पुराण में वामन भगवान अवतार की कथा बड़े ही विस्तार से बताई गयी है और इस पुराण में भारत को जमूदीप बताया गया है

कूर्म पुराण (15)

18 हजार श्लोक 4 खण्ड है
इस पुराण में भगवान का कुर्मा अवतार के बारे में विशेष रूप से बताया गया है इसमें चारो वेदो का सार संक्षिप्त रूप में मिलता है ब्रह्मा , शिव , पृथ्वी की उत्तपति और मानव के चार आश्रमों के बारे में विशेष रूप से बताया गया है

मत्स्य पुराण (16)

14 हजार श्लोक 290 अध्याय
इस पुराण में मत्स्यावतार की कथा सौरमंडल के सभी ग्रहो ,पृथ्वी की उतपति , चारो युगो , और चन्दर वंशीय राजाओ की कथा राजा ययाति की कथा विशेष है आपको ये पुराण जरूर पढ़ना चाहिए

गरुड पुराण (17)

18 हजार श्लोक 279 अध्याय
गरुड़ पुराण में भगवान ने गरुड़ के प्रश्नो के जवाब दिए है इस पुराण में मानव जीवन की सभी अवस्थाओं के बारे में विश्तार से बताया गया है जब वह पिता से माता के गर्भ और मृत्यु के पश्चात की सारी अवस्था और नर्क और स्वर्ग और बैतरणी नदी का विशेष रूप से बखान किया गया है ज्यादातर लोग इस पुराण को पढ़ने से डरते है क्योंकि ये किसी की मृत्यु पर 12 दिन पढ़ते है लेकिन इसे पढ़ने में पुण्य की प्राप्ति होती है आपको ये पुराण जरूर पढ़ना चाहिए

ब्रह्माण्ड पुराण (18)

12 हजार श्लोक पूर्व , मध्य , उत्तर तीन भाग है माना जाता है की अध्यात्म रामायण इसी का भाग था और इसमें ब्रह्माण्ड के सभी ग्रहो का वर्णन किया गया है और इसमें कई सुर्यवंशी और चन्दर वंशी राजाओ का वर्णन मिलता है सृष्टि की उतपति से सात काल बीत चुके है जिनका वर्णन मिलता है और इस पुराण में भगवान परसुराम की कथा भी मिलती है आपको ये पुराण जरूर पढ़ना चाहिए

क्योंकि पुराणों से पता चलता है की हमारे ऋषि मुनियो ने जो पुराणों की रचना की है उनमे कितना रहष्यमयी इतिहास छुपा हुआ है इनसे पता चलता है की हमारे देश में कितने बड़े योद्धा हुए है!

आसा करते है की आज का हमारा purano ki sankhya kitni hai पोस्ट आपको अच्छा लगा होगा जिसमे हमपे आपको सभी पुराणों के नाम और सक्षिप्त रूप से किस पुराण में क्या कथा और क्या खासियत है बताया है

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