nakul mahabharat जब महाराज पाण्डु को ऋषि का श्राप लग गया की जब भी वो स्त्री से संबंध बनाने की कोशिश करेगा तो उसी समय उसकी मृत्यु हो जाएगी
जब महाराज पाण्डु ने ये बात अपनी पत्नी कुंती से कही तो कुंती ने उपाय के रूप में उनसे अपने गुरु के दिए हुए उस मंत्र के बारे में बताया

nakul mahabharat in hindi
जिसके उच्चारण से वह किसी भी देवता को प्रकट कर सकती थी और उस देवता से मन चाहा वरदान ले सकती थी
तब महाराज पाण्डु के कहने पर कुंती ने वो मन्त्र उच्चारित करके 4 देवताओ को प्रकट किया जिनमे पहले थे धर्मराज दूसरे पवन देवता और तीसरे थे देवराज इंदर और अंतिम देवता थे अश्वनी कुमार इन देवताओ को कुंती ने प्रकट करके निम्न पुत्र मांगे

नकुल सहदेव किसके पुत्र थे
पिता पुत्र माता
- धर्मराज युधिस्टर कुंती
- पवन देव भीम कुंती
- इंदर अर्जुन कुंती
- अश्वनी कुमार नकुल, सहदेव माधवी
nakul mahabharat महाराज पांडू और कुंती के ये पुत्र बहुत ही बलवान थे इन्होने ही महाभारत जेसे युद्ध में दुष्ट राजाओ का नास किया था और अंत में स्थापना की घर्म की जिसमे श्री कृषण की पांडूओ को रास्ता दिखाया है