कालिदास किसके राज्यकवि थे

कवि कालिदास किसके राज्यकवि थे?
महान साहित्यकार महान कवि कालिदास जी के बारे में बात करने वाले है! हम यह बात करने वाले हैं

कि कवि कालि दास किसके राज्य कवि थे तो आज आपको इस आर्टिकल से पता चल जाएगा कि कवि कालिदास किसके राज्यकवि थे

कालिदास संस्कृत भाषा के महान कवि और नाटककार थे उन्होंने भारत की पौराणिक कथाओं और दर्शन को आधार बनाकर रचनाएँ की और उनकी रचनाओं में भारतीय जीवन और दर्शन के विविध रूप और मूल तत्त्व निरूपित हैं ।

File:कालिदासः.jpg - Wikimedia Commons


कवी कालिदास चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के दौरान के राज्य कवि थे उनके शासन में ही राजकवि बने थे और उनको भारत के सबसे महान और प्रसिद्ध संस्कृत कवि कहा जाता है ।

कालिदास

कवि कालिदास ने लिखी हुई बहुत सारी नाटक और कविताएं उस दौरान बहुत प्रसिद्ध थी ।
कवि कालिदास का जीवन!
कालिदास का जन्म उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले के कविल्ठा गांव में हुआ थावे एक कवि और नाटककार के साथ-साथ संस्कृत भाषा के प्रखंड विद्वान भी थे।

कालिदास ने भारत के प्राचीन दर्शन और पौराणिक कथाओं को आधार बनाकर रचनाएँ लिखी। वे अपनी अलंकारयुक्त सुन्दर और सरल भाषा के लिए विशेष रूप से जाने जाते हैं,

उनको शेक्सपियर ऑफ़ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है। कालिदास का विवाह विद्योत्तमा नाम की राजकुमारी से हुआ। ऐसा कहा जाता है

कि विद्योत्तमा ने प्रतिज्ञा की थी कि जो कोई उसे शास्त्रार्थ में हरा देगा, वह उसी के साथ विवाह करेगी।

और उसके दौरान उन्होंने विद्योत्तमा को शास्त्रार्थ में हरा करके उनसे शादी की और कवि कालिदास कवि कालिदास चंद्रगुप्त के दौरान के राज्य कवि थे

कवि कालिदास की पत्नी एक राजकुमारी थी कवि कालिदास बहुत ज्यादा अच्छे कवि थे वे एक कवि और नाटककार के साथ-साथ संस्कृत भाषा के प्रखंड विद्वान भी थे।

कालिदास ने भारत के प्राचीन दर्शन और पौराणिक कथाओं को आधार बनाकर रचनाएँ लिखी। वे अपनी अलंकारयुक्त सुन्दर और सरल भाषा के लिए विशेष रूप से जाने जाते थे,

उनको शेक्सपियर ऑफ़ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है।भारत के प्राचीन इतिहास में साहित्य की शान बढ़ाने वाले महाकवि कालिदास के जन्मस्थान को लेकर इतिहासकारों में भी काफी मतभेद है।

कालिदास भारत में अब तक हुए सभी कवियों में अद्वितीय माने जाते हैं। कालिदास ने कई उपमाएं की है जो बेमिसाल है और उनके ऋतु वर्णन तो एकदम अद्वितीय है।

संगीत को अगर कालिदास का ही एक अंग माना जाए तो कम नहीं होगा। उनका साहित्य रस भी बेमिसाल है। उनके साहित्य की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है।

साहित्य के क्षेत्र में कालिदास ने ऐसी कई रचनाएं की है, जिसे पढ़कर हर कोई भावुक हो जाए। उनके साहित्यिक रचनाओं और साहित्य प्रेम के साथ उनके आदर्श और आदर्शवादी परम्परा भी दिखाई देती है!

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