hidimba rakshasi जब भीम बनवास में थे तभी भीम को किसी कारणवश एक नाम की राक्षसी से विवाह करना पड़ा विवाह के उपरांत को घटोत्कच नाम के एक पुत्र को प्राप्त हुई और भीम के उससे घटोत्कच पुत्र को भीम ने महाभारत युद्ध ने भी सम्मिलित किया
विरोध घटोत्कच महाभारत के युद्ध में शामिल हुआ और विपक्ष की सेना को रौंद डाला तभी कौरवों के पास घटोत्कच को रोकने के लिए कोई विकल्प शेष डाउनलोड ने करने घटोत्घच पर ऐसी शक्ति का प्रहार किया जिसके कारण घटोत्घच मारा गया घटोत्घच का भी एक पुत्र था जिसका नाम बर्बरीक था बर्बरीक अपनी दादी हडिम्बा का प्रिय पौत्र था

भीम हडिम्बा
जो भी बर्बरीक को शिक्षा प्राप्त थी वह सब हडिम्बा की देन थी हडिम्बा ने बर्बरीक को शिक्षा दी बर्बरीक ने एक दिन अपनी दादी से एक दिन प्रश्न किया की आसानी से मुक्ति किस तरह से प्राप्त हो सकती है तभी हडिम्बा ने जवाब दिया की अगर भगवान के हाथो से मरना हो जाये तो तुरंत ही मुक्ति मिल सकती है तभी बर्बरीक ने कहा की भगवान कोन है
इस धरा पर तब हडिम्बा ने जवाब दिया की भगवान श्री कृष्ण स्वयं भगवान है तभी बर्बरीक ने विचार किया की भगवान ऐसे तो मुझे मारने वाले है नहीं अगर मुझे उनके हाथ से मरना है तो उनसे युद्ध करना होगा और युद्ध करने के लिए बड़े बड़े अस्त्र शस्त्र चाहिए तभी बर्बरीक ने अपना एक मात्र लक्ष्य बनाया की उसे श्री कृष्ण के हाथो से ही मरना है
hidimba rakshasi और उसने नौ दुर्गा की उपासना की और नौ दुर्गा ने बर्बरीक को प्रश्न होकर 3 तीर ऐसे दिये जो उनका सामना कोई भी अस्त्र शस्त्र नहीं कर पाता और अंत में कृष्ण के हाथो मुक्ति को प्राप्त हुए