गोदान किस की रचना है | godan kiski rachna hai

गोदान किस की रचना है?
क्या आप यह जानना चाहते है कि गोदान की रचना किसने की है या गोदान किसकी रचना है, तो हमारे साथ इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़िएगा। (godan kiski rachna hai)
यह मुंशी प्रेमचंद का लोकप्रिय उपन्यास हैं।

इस उपन्यास में देश के ग्रामीण जीवन में होने वाले कष्ट, संघर्ष को बहुत ही अच्छे ढंग से प्रस्तुत किया गया हैं। इसलिए आज भी गोदान उपन्यास को पसंद किया जाता है।

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godan kiski rachna hai

गोदान किस की रचना है


गोदान उपन्यास के मुख्य पात्र
होरी (कहानी का मुख्य पात्र)
धनिया (होरी की पत्नी)
गोबर होरी और धनिया का पुत्र
सोना और रूपा (पुत्रिया होरी धनिया की)
झुनिया (गोबर की पत्नी )
हिरा (होरी का भाई )
पुनिया (हिरा की पत्नी )
रायसाहब
दातादीन
मातादीन (दातादीन का पुत्र )
साहूकार महाजन
मालती
मेहता
झिंगुरसिंह
रामसेवक
सिलिया (चमारिन )
यह कुछ मुख्य पात्र हैं
यथार्थवादी उपन्यास, इसमें किसान जीवन की कठिन समस्यों का सचित्र वर्णन किया गया है। वर्तमान समाज का सजीव चित्रण प्रेमचंद जी ने बखूबी किया हैं।

गोदान किस की रचना है
गोदान किस की रचना है


और गरीबी की विवशता, जातियों के आधार पर होने वाले भेद, किसान की अभिलाषा, प्रेम और त्याग का बखूबी चित्रण, देश के गांव के जीवन में होने वाले संघर्ष का प्रेमचंद जी ने वर्णन किया हैं।
गंगा विमल प्रसाद के अनुसार, ग्रामीण जीवन का संघर्ष दखने को मिलता है


मुंशी प्रेमचंद जी ने अपने इस उपन्यास में देश के ग्रामीण जीवन में आने वाली सभी समस्याओं को लोगों के सामने प्रस्तुत किया हैं।
गोदान कैसा उपन्यास हैं?


मुंशी प्रेमचंद का गोदान उपन्यास दोहरा कथानक वाला उपन्यास हैं।हिंदी उपन्यास के के मिल के पत्थर कहे जाने वाले मुंशी प्रेमचंद जी अपनी रचनाएँ सबसे पहले English में लिखते थे, फिर उसका रूपांतरण हिंदी तथा उर्दू में करते थे।

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