gandhmadan parvat गंधमादन पर्वत का हमारे ग्रंथों में बहुत जिकर मिलता है क्योंकि इस पर्वत पर अनेक ऋषि-मुनियों ने तपस्या की और इस पर्वत पर गंधर्व और अप्सराएं और देवता भी आते जाते रहते हैं
कहते हैं यहां पर आज भी श्री राम भक्त हनुमान दिखाई देते हैं कुछ लोगों का यह मानना है कि श्री हनुमान जी आज भी यहां इस पर्वत पर विराजमान है एक बार जब भीम पांडवों के अज्ञातवास के दौरान इस पर्वत से गुजरे तो हनुमान जी उन्हें सोए हुए मिले

गंधमादन पर्वत कहां है
तभी भीम ने कहा कि आप अपनी पुंछ मेरे रास्ते से उठा ले तभी हनुमान जी ने कहा कि मैं वर्द्ध हूं तुम उठा दो तो भीम ने बहुत प्रयास किया लेकिन हनुमान जी की पूंछ उठा नहीं पाया इस तरह हनुमान जी ने भीम का घमंड दूर किया यह गंधमादन पर्वत आज तिब्बत में स्थित है
कैलाश पर्वत की दूसरी ओर यह पर्वत स्थित है इस पर्वत पर कहते हैं 16000 जड़ी बूटियां पाई जाती है जो कि प्रत्येक रोग को जड़ से खत्म करने के लिए सहायक है इस पर्वत पर आज तक 7000 जड़ी बूटियों से ज्यादा कोई भी पता नहीं लगा सका है लेकिन लोगों का मानना है
हनुमान जी कहा रहते है
कि यहां पर उगी हुई प्रत्येक घास भी जड़ी बूटियां हैं गंधमादन पर्वत एक रहस्यमई पर्वत है यह पर्वत श्री राम भक्त हनुमान को अति प्रिय है त्रेता युग में जब हनुमान जी को अमरता का वरदान मिला तो युग बीतने के बाद श्री हनुमान जी इसी पर्वत पर आज भी विराजमान है
gandhmadan parvat
gandhmadan parvat और यहां भगवान राम की पूजा करते हैं इस पर्वत पर एक विशेष कमल मिलता है जो कि हनुमान जी श्री राम जी को प्रत्येक दिन अर्पित करते हैं आपको हमारा यह पोस्ट अच्छा लगा तो आप शेयर करे