दुर्योधन के पिता का नाम धृतराष्ट्र था, दुर्योधन महाभारत का एक ऐसा पात्र था जिसके कारण ये युद्ध हुआ हस्तिनापुर में इतने शूरवीर योद्धा हुए जो हमेसा से ही अधर्म के खिलाफ रहे है लेकिन दुर्योधन ने इनसब को एक कतार में खड़ा कर दिया

और दुर्योधन हमेसा ही अधर्म की तरफ ही रहा है दुर्योधन महाराज धृतराष्ट्र का सबसे बड़ा पुत्र था और वह हस्तिनापुर का राजा बनना चाहता था जबकि ध्रतराष्ट्र का भाई पाण्डु पहले से राजा था हस्तिनापुर का
दुर्योधन के पिता का नाम क्या था
पाण्डु महाराज ने वनवास लिया था वह चाहते थे की जब वह वापिस आये तो राज्य उन्हें सोप दिया जाये लेकिन उनकी वनवास की अवधि में मृत्यु हो गई लेकिन उनके पुत्र वापिस आये

दुर्योधन ये चाहते थे की अब राज्य पाण्डु के पुत्र को नहीं बल्कि ध्रतराष्ट्र के पुत्रो को मिले यानि की राज्य दुर्योधन को मिले
duryodhan ke pita ka kya naam tha
लेकिन जब कोई निर्णय नहीं निकला तो पाण्डु के बड़े पुत्र युधिस्टर की और से श्री कृष्ण ने 5 गांव ही मांगे लेकिन दुर्योधन ने वो भी देने से मना कर दिए तो अंत में महाभारत जैसा यादगार युद्ध हुआ और अधर्म का साथ
दुर्योधन के पिता का नाम देने वोले बड़े से बड़े योद्धा को मरना पड़ा चाहे वो महारथी कर्ण हो , भीष्म पितामा ,और गुरुद्रोण सभी को इस युद्ध में मरना पड़ा और ध्रतराष्ट्र के 100 पुत्र भी मारे गए