ध्यान में शरीर का हिलना

ध्यान करते समय शरीर में एक कंपन का महसूस होना एक अच्छा संकेत है जब हम ध्यान करते हैं तो हमारे शरीर और मन एक तालमेल मैं बैठना शुरू कर देता है ध्यान में शरीर का हिलना

आपने महसूस किया होगा कि शुरू के समय मैं जब ध्यान में बैठते हैं तब मन शरीर का साथ छोड़ देता है हम जब भी ध्यान करने को बैठते हैं तो कुछ समय के बाद आपका मन उठ जाने को करता है

या आपके शरीर में थकान महसूस होती है जिसकी वजह से हमारा ध्यान केंद्र मन नहीं लगता लेकिन अब ऐसी कोई समस्या नहीं है

ध्यान में शरीर का हिलना

अब हम ध्यान में कितने ही समय तक बैठ सकते हैं ऐसा इसलिए क्योंकि इन दोनों के बीच एक तालमेल स्थापित हो चुका है

ध्यान में शरीर का हिलना
ध्यान में शरीर का हिलना


अब बात करते हैं ध्यान करते समय शरीर में तेज कंपन या हिलने का महसूस हो यह तेज कंपनी आपके सूक्ष्म शरीर का प्रतीक है जो आपकी एनर्जी बॉडी कहलाती है

जब हम ध्यान करते हैं जब ऊर्जा एक जगह केंद्रित होना शुरू कर देता है और हम ऐसा अनुभव करते हैं ऐसे होने के दौरान हमें अपने होने का अनुभव नहीं होता

और हम एक ऐसी अवस्था मैं पहुंच जाते हैं जहां हम अपने आपको परम शक्ति मैं डूबा लेते हैं इस समय हमारे मन में ना तो कोई सवाल होता है

ना ही कोई विचार होता है इस दौरान हम वह अनुभव करते हैं शांति होने के कारण हमारे मन में वह ख्याल आना शुरू हो जाता है

जो हमें आगे ले जा सकते हैं हम उस अवस्था को छोड़ना ही नहीं चाहते क्योंकि हमें लगता है संसार के सभी दुखों का अंत इसी अवस्था में संभव है


इसी दौरान शरीर में एक ठंडक और कंपन का महसूस होता है और हमें लगता है की कोई शक्ति हम पर हावी हो रही है और ऐसा लगता है

की कोई शक्ति हमारे अंदर प्रवेश कर रही है यह सब अनुभव उर्जा के बढ़ने और एक जगह केंद्रित होने के कारण होते हैं


और हां यह सभी अनुभव जान में आगे बढ़ने के सकारात्मक अनुभव है

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