Dhritrashtra ke pita ka naam ध्रतराष्ट्र महाभारत के सबसे खास पात्र है एक तरह से कहा जाये तो महाभारत इन्ही की देन है ध्रतराष्ट्र और पाण्डु दोनों के पिता विचित्रवीर्य थे
विचित्रवीर्य की पत्नी अम्बालिका और अम्बा ध्रतराष्ट्र और पाण्डु की माता थी ये दोनों सम्राट नियोग के द्वारा हो सके क्योंकि महाराज
विचित्रवीर्य की आकस्मिक मोत हो जाने के कारण माता सत्यवती के पुत्र द्वारा नियोग कराया गया और ये दो पुत्र पैदा हुए और उसके बाद महाराज पाण्डु को राजा बनाया गया जबकि ध्रतराष्ट्र बड़े थे
लेकिन कुछ भी शारीरिक कमी हो तब तक उस व्यक्ति को राजा नहीं बना सकते इस लिए छोटे भाई पाण्डु को राजा बनाया लेकिन पाण्डु की श्राप के कारण अकारण मृत्यु हो गई तभी ध्रतराष्ट्र को राजा बनाया

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ध्रतराष्ट्र के 100 पुत्र थे जबकि पाण्डु के 5 ही पुत्र ही थे महाभारत होने का कारण था पाण्डुओ के द्वारा अपना हक मांगने पर और कौरवो के द्वारा उनके हक को नहीं देना ही महाभारत का कारण था
जब ध्रतराष्ट्र को पता चला की उनके सभी पुत्रो की हत्या भीम ने की है तो ध्रतराष्ट्र ने गुस्से में आकर योजना बनाई की वह भीम को मारडालेगा ध्रतराष्ट्र की भुजाओ में शस्त्र हाथियों का बल था
तो इसी लिए जब महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ तो सभी पाण्डु ध्रतराष्ट्र के पास आये तो ध्रतराष्ट्र ने भीम को गले लगने को कहा

तभी कृष्ण ने ध्रतराष्ट्र के इरादे पहले से भांप लिए थे इस लिए भीम की जगह कृष्ण ने पत्थर की मूर्ति ध्रतराष्ट्र के आगे रख दी जिसे ध्रतराष्ट्र ने अपनी भुजाओ के बल से चूर चूर कर दिया
Dhritrashtra ke pita ka naam उसके बाद ध्रतराष्ट्र को अपनी भूल का पछतावा भी हुआ और उसने इस गलती का कारण अपना पुत्र मोह बताया