ब्रह्म मुहूर्त (brahma muhurta) का समय ईश्वर का समय है इस समय को स्वयं भगवान ने अपनी भक्ति के लिए चुना है
क्योंकि दिन में ये समय एक बार ही आता है जब व्यक्ति पूरी तरह नींद लेकर उठता है और उसका मन बिलकुल शांत होता है उस समय जब वह भगवान का ध्यान करता है तो उसे ईश्वर की अनुभूति होती ही है
ब्रह्म मुहूर्त का समय में उठने के लाभ
ब्रह्म मुहूर्त के समय में उठने पर लाभ ही लाभ है जबकि और समय में उठना हानि ही हानि है ऐसा में नहीं कहता हमारे संत महात्मा कहते है क्योनी जब हम सुरज उदय होने से पहले उठते है
तो हमे कभी सरदर्द और गैंस बनने की समस्या होना आदि नहीं होती है इसमें में एक आपको बोन्स टीप भी देता हु की
अगर आपको कोई अन्य दिक्कत है तो आपको सुबह पानी पीना चाहिए 1.25 लीटर गुनगुना पानी पीने से 75% रोग दूर होते है

ब्रह्म मुहूर्त का समय कौनसा होता है
ब्रह्म मुहूर्त का समय के विषय में बहुत लोगो के मन में संका बनी रहती है की सुबह का कौनसा समय ब्रह्म मुहूर्त का होता है तो आज में आपको बता देता हु की सुबह 3:25 am से जबतक सुरज की पहले किरण नहीं निकलती है तबतक ब्रह्म मुहूर्त का उत्तम समय होता है इस लिए ब्रह्म मुहूर्त का समय सबसे अच्छा समय है
ब्रह्म मुहूर्त में ध्यान कैसे करें
ब्रह्म मुहूर्त में ध्यान करने की सबसे उत्तम विधि है की आप सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठे और उसके बाद स्नान करे योग अभ्यास आदि क्रिया करे
अगर कोई उत्तम सिखाने वाला गुरु है तो उस से योग और प्रणायाम आदि उसकी देख रेख में करे
ध्यान (meditation) करने का सही तरीका ये है की अगर आप योग कर रहे है तो उसी के हिसाब से उसी मुद्रा में बैठे हुए आँखे बंद ॐ का जाप निरंतर जो भी भगवान का चित्र आपकी कल्पना या
आपने देखा है उसे देखना शुरू करे और ॐ का जाप निरंतर करे ये आपको पहले दिन बहुत बोरिंग और आलस्य जैसा लगेगा
लेकिन अगर आप पहले योग और उसके बाद ध्यान की प्रक्रिया लगातार 21 दिन तक करते है तो आपको प्रभु की कृपया से ध्यान लगने लगेगा क्योंकि अगर भगवान का ध्यान उन्ही की मर्जी से लगता है
और जब आप निरंतर प्रयास करते है तो आप पर प्रभु की कृपा जरूर होगी ये निश्चित है क्योंकि मनुष्य जन्म का उदेश्य केवल परमात्मा की प्राप्ति करना है और कुछ दूसरा काम है
ही नहीं और अगर आपको कोई ऐसा सच्चा सादु संत मिल जाये जो वास्तव में भगवान का भक्त है तो आपको प्रभु मिलन से कोई नहीं रोक सकता है
इस लिए जरूरी ये है की भगवान के ध्यान के लिए गुरु का सानिध्य लेना बहुत जरूरी है

brahma muhurta
और नहीं मिले तो भगवान कृष्ण का श्लोक है की “कृष्णम शरणम जगद गुरु ” भगवान श्री कृष्ण जगत के गुरु है तो उन्हें अपना गुरु बनाये और 21 दिन का नियमित अभ्यास करे भगवान के चरणों में ध्यान लगने लग जायेगा|
आज के पोस्ट में हमारे द्वारा दी जानकारी ब्रह्म मुहूर्त को आप चाहे तो अपने जीवन में अपना कर देख सकते है क्योंकि ये कठिन जरूर है लेकिन न हो ऐसा नहीं है
और आप सभी लोग तो जानते ही है की भगवान अपनी मर्जी से सब करते है उनको कोई बुद्धि से नहीं जान पाया है
वे केवल प्रेम के बस मिलते है हो सकता है योगियों के योगी भी जो आज तक बैठे है ध्यान मुद्रा में लेकिन प्रभु उनको नहीं मिले
brahma muhurta कुछ भक्त ऐसे भी है जिनको भगवान ने मुक्ति प्रदान करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने मुक्ति के लिए भी मना कर दिया तो
भगवान मिलना या नहीं मिलना ये तो भगवान पर है वो किसे दर्शन देंगे और किसे नहीं बोलिये जय श्री कृष्णा!