abhimanyu ke putra ka naam जब अभिमन्यु का अंत हो चुका था तो अभिमन्यु की पत्नी उतरा गर्भवती थी अभिमन्यु की पत्नी को सन्तान होने वाली थी
और जब महाभारत का युद्ध समाप्त होने वाला था तो दुर्योधन भी मर चुका था तब अश्वत्थामा और कृपाचार्य जैसे योद्धा ही बचे थे वह भी इधर उधर अपनी जान बचाकर भाग रहे थे
अभिमन्यु का पुत्र कौन था | परीक्षित |
अभिमन्यु की माता | सुभद्रा |
अभिमन्यु के पिता | अर्जुन |

जब अश्वत्थामा को पांडवों ने घेर लिया तो उसका कोई भी बस नहीं चला तो उसने अर्जुन पर ब्रह्मास्त्र चला दिया इसके बदले में अर्जुन ने भी ब्रह्मास्त्र चलाया
लेकिन श्री कृष्ण की आज्ञा से ब्रह्मास्त्र अर्जुन ने वापस ले लिया लेकिन अश्वत्थामा को ब्रह्मास्त्र वापिस लेना नहीं आता था
wife of abhimanyu
इसलिए अश्वत्थामा ने वह ब्रह्मास्त्र अभिमन्यु के होने वाले पुत्र पर चला दिया तो श्री कृष्ण भगवान ने उस समय अभिमन्यु के पुत्र की रक्षा की अभिमन्यु वह पुत्र और पांडवों का पौत्र परीक्षित नाम से विख्यात हुआ
जोकि पांडवो के बाद हस्तिनापुर का राजा बना और जब अश्वत्थामा ने अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु के पुत्र पर यानी कि परीक्षित पर ब्रह्मास्त्र चलाया तो उसके बदले श्री कृष्ण ने अर्जुन को आदेश दिया
अभिमन्यु का पुत्र कौन था क्या नाम था
कि अश्वत्थामा की सर में चमकने वाली मणि को निकाल लिया जाए तो अर्जुन ने मणि को निकाल लिया और जो घाव अश्वत्थामा के सर में रह गया उस घाव को कभी ना ठीक होने और हमेशा पीच में भरे रहने रसी से भरे रहने का श्राप श्री कृष्ण ने अश्वत्थामा को दिया
abhimanyu ke putra ka naam और कहा की अश्वथामा हमेशा तक पृथ्वी पर जीवित रहेगा इसलिए हमारे ग्रंथ कहते हैं कि अश्वत्थामा आज भी जीवित है